शिशु प्रवेष से कक्षा नवम् तक सीमित स्थानों के लिए मौखिक परिक्षा के आधार पर नामांकन होता है। नामाकंन के लिए निर्धारित आवेदन पत्र एंव विवरणिका कार्यालय से निर्धारित शुल्क देकर प्राप्त किया जा सकता है। आवेदन पत्र के दिए गए सभी विवरणों को सॉ एंव स्वच्छ अक्षरों में भर का जमा कर दें।जॉच परीक्षा के आधार पर चयनित छात्रों की सूची चुचना पट पर लगा दी जाती है। प्रधानाचार्य की अनुमति के बाद ही नामाकंन संभव है। प्रधनाचार्य को नामाकंन रद्द करनें का आधिकार है।
विद्या भारती आखिल भारतीय शिक्षा संस्थान के निर्देषानुसार विद्या विकास समिती झारखण्ड के विद्वान शिक्षाविदों द्वारा केन्द्रीय माध्यमिक बोर्ड एंव अधिविद्य परिषद् रॉंची के आधार पर पाठ्यक्रम बनाया जाता हैजिसमें भारतीय संस्कृति के अनुकूल संस्कारयुक्त शिक्षा का उद्देश्य समाहित रहता है।
1 प्रतिवर्ष चार इकाई एंव दो सावधिक परीक्षाए होति है जिसके आधार पर परीक्षाफल दिया जाता है।
2 सभी विषयों में उर्त्तीण होने के लिए 40% अंक लाना आवश्यक है।
3 सभी परीक्षाओं में भैया / बहनों को भाग लेना आवश्यक है।
4 संस्कृत ज्ञान परीक्षा में सभी भैया बहनों को सम्मिलित होना अनिवार्य है।इसमें 75% से अधिक प्राप्त अंक को वार्षिक परीक्षाफल में जोड़ दिया जाता है।
1 प्रत्येक वर्ष इस विद्यालय का परिणाम शत्-प्रतिशत होता है।
2 इस विद्यालय के अनेक भैया-बहन देश के विभिन्न क्षेत्रों में उच्च पदों पर सेवारत है।
3 यह विद्यालय कम समय में चतरा जिला में सर्वोच्च स्थान प्राप्त है।
1 स्वच्छ,सुन्दर एंव आधुनिक साज सज्जा से युक्त विद्यालय भवन।
2 सुयोगय एंव सुसंस्कारित आचार्यो द्वारा शिक्षण कार्य।
3 संस्कारक्षम वातावरण।
4 अखिल भारतीय शिक्षण संस्थान विद्या भारती के तत्वधान में संस्कृति ज्ञान परीक्षा।
5 कक्षा तृतीय से नियमित कम्प्यूटर(संगणक) षिक्षा की व्यवस्था।
6 फाइन आर्ट की शिक्षण व्यवस्था।
7 वर्ष में एक बार अभिभावक सम्मेलन करने की योजना।
8 वर्ष में एक बार मातृ-सम्मेलन की योजना।
9 आचार्यो द्वारा अभिभावक सम्पर्क करने की योजना।
10 बालको के ज्ञानवर्द्धन के लिए विशाल पुस्तकालय एंव वाचनालय की व्यवास्था।
11 खेलकूद एंव शारीरिक की उत्तम व्यवस्था।
12 स्पोकेन इंगलिश की वरूवस्था।
13 व्यवस्था,उत्तरदायित्व बोध वक्तृत्व शक्ति के विकास हेतु सदन व्यवस्था।
14 माध्यावकाशा में प्रतिदिन सामुहिक जलपान,भोजन मंत्र के साथ होता है।जिससें भैया बहनों को घर जा कर संे शुद्ध शाकाहारी भोजन लाना अनिवार्य है।
15 खेल धाराः-नन्हें-मुन्हें बच्चो को पढाई में रूचि हेतु खेलधरा का विकास किया गया है,जो अपने विद्यालय में पुरी तरह कार्य करता है।
16 प्रत्येक वर्ष अंग्रजी,गणित एंव विज्ञान प्रश्न मंच प्रतियोगिता का आयोजन।
17 वर्ष में एक बार विज्ञान प्रदर्शनी का आयोजन।
18 वर्ष में एक बार प्रत्येक खण्ड(प्राथमिक एंव माध्यमिक) के भैया-बहनों का शैक्षणिक भ्रमण।
19 पूर्व छात्र परिषद् के भैया -बहनों द्वारा दिये गये सुझाव के आधार पर कई कार्यक्र्र्रम का अयोजन।
20 एल.सी.डी. प्रोजेक्टर एंव स्मार्ट क्लास की व्यवस्था।
भैया-बहनो के सर्वागीण विकास के लिए अभिभावक का सहयोग अति आवश्यक होता है।भगवत कृपा,अभिभावक सहयोग एंव भैया-बहनों की सहभागिता से ही सम्पूर्ण कार्य सुव्यवास्थित रूप् से संपादित होता है।हमें आशा एंव पूर्ण विश्वास है कि अभिभावकवृन्द का स्नेह सिक्त सहयोग अनवरत मिलता रहेगा तो विद्यालय विकास के पथ पर अवाध गति से अग्रसर होेता है।