इस प्रकार के राष्ट्रीय शिक्षा-प्रणाली का विकास करना है जिसके द्वारा ऐसी युवा-पीढ़ी का निर्माण हो सके जो हिंदुत्वनिष्ठ एंव राष्ट्रभक्ति से ओत-प्रोत हो शारीरिक,प्राणिक,मानसिक,बौद्धिक एवं आध्यात्मिक दृष्टि से पुर्ण विकसित हो तथा जो जीवन की वर्तमान चुनौतियों का सामना सफलता पूर्वक कर सके और उसका जीवन ग्रामों, वनों, गिरिकंदराओं एंव झुग्गी-झोपड़ियों में निवास करने वाले दीन-दुःखी अभावग्रस्त अपने बांधवों को समाजीक कुरीतियों, शोषण एंव अन्याय से मुक्त कराकर राष्ट्र जीवन को समरस, सुसंपन्न एंव सुसंस्कुत बनाने लिए समार्पित हो।
ग्रीष्मकालीन भैया हेतु: प्रवेश से द्वादश तक-सफेद गंजी, रूमाल, पूरी आस्तीन की सफेद धारीदार हल्की गुलाबी कमीज, स्टील ग्रे फुलपैंट (कक्षा प्रवेश से द्वितीय तक फुलपैंट-हॉफ पैंट) फीतादार काले जूते (नन लैदर), काले मोंजे तथा निर्धारित बेल्ट। बहनो हेतु: प्रवेश से द्वादश तक-सफेद गंजी, सफेद रूमाल, सफेद धारीदार हल्की गुलाबी हॉफ कमीज, , स्टील ग्रे बॉक्स प्लेट स्कर्ट, काले जूते (नन लैदर), काले मोंजे तथा काला हेयर बैंड। पष्ठ से द्वादश तक-सफेद सलवार, सफेद धारीदार हल्की गुलाबी कॉलर वाला कुर्ता,सफेद ओढनी(दुपट्टा), काले जूते(नन लैदर), काले मोंजे तथा काला हेयर बैंड।
प्रवेश से पंचम तक-शीतकाल में उपयुक्त वेश के अतिरिक सादी बुनाई की पूरी आस्तीन का मैरून रंग का वी गले का स्वेटर। पष्ठ से द्वादश तक- मैरून ब्लेजर।
प्रत्येक सोमवार,गुरूवार तथा निर्देशित विशेष अवसरो पर सथी भैया-बहनों के लिए निर्धारित वेश के स्थान पर श्वेत वेश निर्धारित है। काले जूते (नन लैदर) के स्थान पर श्वेत पी.टी. शू सफेद मोजा एंव काला हेयर बैड के स्थान पर श्वेत हेयर बैड होंगे। स्वेटर तथा ब्लेजर का रंग यथावत रहेगा।
विद्यालय में विद्यालय बैग के अतिरिक्त अन्य बैग का उपयोग वर्जित है।